गूगल ड्रोन से देगा 5G इन्टरनेट, जो 40 गुना तेज होगा 4G से

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Google 5G Drone

गूगल न्यू मक्सिको के स्पेसपोर्ट पर एक गुप्त परिक्षण कर रहा है, जिसका कोडनेम स्काईबेंडर रखा गया है| इस परिक्षण में गूगल सौर उर्जा से चलने वाला एक विशेष प्रकार का ड्रोन का इस्तेमाल कर रहा है| जिसमे 50 मीटर लम्बे पंख लगे हुए है|

 इसमें मिलीमीटर वेब तकनीक के जरिये कई गीगाबाइट डाटा एक स्थान से दुसरे स्थान तक बड़ी आसानी से भेजा जा सकता है| वॉशिंगटन विश्वविद्यालय के इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग प्रोफेसर जैक रुडेल का कहना है कि मिलीमीटर वेब का सबसे बड़ा फायदा ये है कि ये एक नए स्पेक्ट्रम का उपयोग कर रहा है, क्युकि वर्तमान में सेलफोन स्पेक्ट्रम की काफी ज्यादा भीड़ हो गयी है|

रिपोर्ट के अनुसार, गूगल केवल 28GHZ का ट्रांसमिशन परिक्षण ही नहीं कर रहा बल्कि, ये भी प्रयोग कर रहा है कि लंबी दूरी तक उच्च उड़ान ड्रोन से डाटा ट्रांसमिशन की सुविधा भी दे सके| इसके लिए गूगल ने न्यू मक्सिको में नया ड्रोन कंट्रोल रूम भी बनाया है, और 60 हज़ार रूपए प्रतिदिन के हिसाब से 15 हज़ार वर्ग फीट का एअरपोर्ट किराये पर लिया है|

ये नेटवर्क हजारो ड्रोन से बनेगा जो सूर्य के उर्जा से चलेगा| जिसे पुरे दुनिया में फ़ैलाने की कोसिस रहेगी| फ़िलहाल ये अभी काफी महंगा साबित हो रहा है, जिसे केवल आपात स्थिति में इस्तेमाल किया जा सकता है|

प्रोजेक्ट स्काईबेंडर सिस्टम वर्तमान में एक वैकल्पिक रूप से नियंत्रित होने वाला विमान (OPA), जिसका नाम सेंटूर और एक सौर ऊर्जा संचालित ड्रोन Solara 50 उपयोग कर रहा है जिसे टाइटन एयरोस्पेस ने बनाया है, जिसे गूगल ने 2014 में ही इसे खरीद लिया था|

5G

इस तकनिकी के जरिये गूगल जो 5G इन्टरनेट सुविधा देगा, वो 4G से 40 गुना तेज होगा| अब रही बात 4G की तो भारत में अभी 4G की सुविधा मात्र गिने-चुने शहरो में ही है| फिर भी गूगल का ये परिक्षण अभी आने में थोड़ा समय तो लगेगा ही|

Internet.org की तरह हो सकता है ये प्रोजेक्ट

फेसबुक के सीईओ मार्क जुकरबर्ग का ऐसे ही एक प्रोजेक्ट पर काम चल रहा है, जिसका नाम Internet.org रखा गया है| इस प्रोजेक्ट का उद्देश्य पुरे दुनिया में फ्री या सस्ते रूप में इन्टरनेट प्रदान करना है| फ़िलहाल इसपर भी अभी काम चल रहा है|

5G क्या है?

हर रोज़ बदलती एक नयी तकनीकी के मुताबिक इसे परिभाषित करना थोड़ा मुश्किल है, फिर भी इसके नाम के अनुसार 5G वायरलेस नेटवर्क के पाँचवीं पीढ़ी का नाम है| जो 4G नेटवर्क के बाद आती है|

अगर 5G नेटवर्क के स्पीड की बात करे तो इससे एक आठ गीगाबाइट के एक HD फिल्म को सिर्फ 6 सेकंड में डाउनलोड किया जा सकता है, जिसे 4G नेटवर्क से डाउनलोड करने में सात मिनट लग जायेंगे| इसे अगर 3G से डाउनलोड करना पड़े तो घंटो लग जायेगा|

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