Computer Virus क्या है? यह Computer में Attack कैसे करता है?

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Computer Virus hindi

दोस्तो आज का लेख कंप्यूटर वायरस से संबंधित है। मैं आपको आज कम्प्यूटर वायरस से जुड़ी सभी जानकारी दूंगा। मेरा उद्देश्य सदैव की तरह आज भी आपको सरल शब्दों Computer Virus टॉपिक से जुड़ी सभी जानकारी देना है, तो आइए जानते है computer virus क्या है और उससे संबंधित सभी जनकारी।

Virus क्या है?

वायरस का नाम सुनते ही हमारे मन में सबसे पहले हमारे शरीर में बीमारी फैलाने वाले वायरस की कल्पना आती है। लेकिन कम्प्यूटर वायरस और हमारे शरीर में पाए जाने वाले वायरस में अंतर है लेकिन जैसे हमारे शरीर में वायरस फैल कर हमारे शरीर को बीमार कर देता है ठीक उसी प्रकार कम्प्यूटर वायरस भी कम्प्यूटर सिस्टम में बहुत से नुकसान पहुंचाते है ।

Computer Virus क्या है?

कम्प्यूटर वायरस एक तरह का सॉफ्टवेयर है जिसे जिसे कंप्यूटर के डाटा को डिलीट करने या तो कंप्यूटर को हानि पहुंचाने के लिए बनाया जाता है। जिस प्रकार कंप्यूटर को व्यक्तियों द्वारा बनाया गया है उसी प्रकार कंप्यूटर वायरस भी व्यक्तियों के द्वारा निर्मित किया गया है ताकि वह इससे दुसरे कंप्यूटर के सॉफ्टवेयर को नुकसान पहुंचा सके खराब कर सके। कंप्यूटर वायरस को सबसे पहले सन 1983 में फ्रेड कोहल द्वारा किया गया था। वायरस बहुत तरह के होते है जो अलग अलग तरह से कंप्यूटर को या उसके सॉफ्टवेयर को नुकसान पहुंचाते है और इसको जानने के लिए हमें कंप्यूटर वायरस के इतिहास को जानना होगा।

कंप्यूटर वायरस का इतिहास

  1. क्रीपर वायरस(creeper virus) – यह कंप्यूटर वायरस के इतिहास में पहला वायरस है जिसे रॉबर्ट थॉमस द्वारा जो एक इंजीनियर थे 1971 में बनाया गया था। यह वायरस सिस्टम को इनफेक्ट करके बाद में डिस्पले पर मैसेज करता था जो था, …I’m the creeper:Catch me if you can.
  2. EIK Cloner – यह 1982 में Richard skrenta द्वारा बनाया गया था ।यह वायरस फ्लॉपी डिस्क के जरिए एप्पल 11 ऑपरेटिंग सिस्टम को संक्रमित करता था ।
  3. Brain(ब्रेन) – यह वायरस सन 1986 में पाकिस्तान के दो भाइयों द्वारा बनाया गया था यह वायरस MS Dos के लिए बनाया गया पहला कंप्यूटर वायरस था।
  4. The Morris (द मॉरिस) – यह पहला वायरस था जिसे बहुत ही बड़े पैमाने पर फैलाया गया था। यह वायरस 1988 में cornell University के एक छात्र robert morris लिखा गया था ।

Computer Virus Attack कैसे करता है?

जब कोई भी वायरस किसी फ़ाइल, प्रोग्राम या दस्तावेज़ से जुड़ता है, तो वायरस तब तक निष्क्रिय रहेता है जब तक कि परिस्थितियाँ कंप्यूटर या डिवाइस के कोड को निष्पादित करने का कारण नहीं बनती है तब तक यह निष्क्रिय ही रहती है।किसी भी वायरस को आपके कंप्यूटर को संक्रमित करने के लिए, आपको संक्रमित प्रोग्राम अपने कंप्यूटर में चलाना होगा जो की बदले में वायरस कोड को निष्पादित करती, यानी कि कोई भी वायरस आपके कंप्यूटर पर बिना किसी बड़े लक्षण के निष्क्रिय रह सकता है, लेकिन यदि एक बार जब वायरस आपके कंप्यूटर को संक्रमित कर देता है, तो वायरस उसी नेटवर्क के अन्य कंप्यूटरों को भी संक्रमित कर सकता है।

इससे कैसे अपने कम्प्यूटर को सुरक्षित रखे?

कंप्यूटर के वायरस से अपने सिस्टम को सुरक्षित रखने के लिए आप निम्न तरीके अपना सकते है:-

  • एंटीवायरस सॉफ्टवेयर और फ़ायरवॉल का उपयोग करना चाहिए।
  • अपने ऑपरेटिंग सिस्टम को नियमित रूप से अपडेट करते रहे।
  • आपको अपनी ब्राउज़र सुरक्षा सेटिंग को बढ़ाना चाहिए।
  • आपको संदिग्ध वेबसाइटों से बचना चाहिए।
  • आपको केवल उन साइटों से सॉफ़्टवेयर डाउनलोड करना चाहिए जिन वेबसाइट पर आपको पूरा भरोषा हो।
  • अज्ञात को नही खोलना चाहिए।

ये कुछ तरीके है जिनसे आप अपने कंप्यूटर को वायरस की चपेट में आने से बचा सकते है।

निष्कर्ष

तो दोस्तो आज का मेरा लेख Computer virus से सम्बन्धित था, मैंने अपने लेख के माध्यम से – वायरस क्या है? कम्प्यूटर वायरस क्या है? उसका इतिहास, कैसे यह फैलता है? और इससे सुरक्षा कैसे किया जा सकता है सभी जानकारी दिया है। उम्मीद है मेरा यह प्रयास आपके लिए लाभकारी होगा।

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